Ram Mandir: धूमधाम से विराजेंगे रामलला RSS चीफ, पीएम मोदी

 

Ram Mandir: धूमधाम से विराजेंगे रामलला


राम मंदिर: तीर्थक्षेत्र का इतिहास

भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत में राम मंदिर एक अहम स्थान रखता है। राम मंदिर हिंदुओं का धार्मिक स्थल है जो अयोध्या, उत्तर प्रदेश, भारत में स्थित है। यह मंदिर भगवान राम के जन्म स्थान पर स्थित है, जो हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण देवता हैं। राम मंदिर निर्माण संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी को हम इस लेख में देखेंगे।


प्राचीन और मध्यकालीन इतिहास

राम मंदिर का निर्माण विवादों और शांति के दौरान हुआ है। प्राचीन काल में राम मंदिर यहीं स्थित था, लेकिन इसे 16वीं सदी में मुग़ल सम्राट बाबर द्वारा तोड़ दिया गया। बाद में मुग़ल साम्राज्य ने वहां एक मस्जिद, बाबरी मस्जिद निर्माण की जो बाबरी मस्जिदाद्वारा भी जानी जाती है। राम जन्मभूमि के अंदर स्थित संरचना के नीचे दायर भी एक बाल मंदिर है जिसे रामलला के नाम से जाना जाता है। मस्जिद के निर्माण के समय एक महान संगठन और स्वर्णिम रथ मंदिर को तोड़ दिया गया था और इसके बाद से वहीं पर एक मस्जिद थी।


16वीं सदी के मंदिर के विनाश का वर्णन

राम मंदिर के निर्माण के बाद कई साइटों पर मंदिरों का निर्माण हुआ, लेकिन 16वीं सदी में मुग़ल सम्राट बाबर ने इसे नष्ट कर दिया। उस समय राम मंदिर के निर्माण स्थल पर एक मस्जिद, बाबरी मस्जिद की स्थापना की गई। इससे पहले के समय में राम मंदिर यहीं स्थित था और वह एक प्रसिद्ध और पवित्र स्थान माना जाता था।


धर्मिक हिंसा का पहला उदाहरण


18वीं और 19वीं सदी में हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच धर्मिक हिंसा का मामला देखा गया। 1853 में धार्मिक हिंसा के पहले मामले में यहां दो धर्मों के लोगों के बीच विवाद हुआ। इसके पश्चात् 1858 में अंग्रेज़ी संघ की शासन प्रणाली ने आयोध्या मंदिर क्षेत्र में हिंदुओं के पूजा पाठ को निषेदित कर दिया। सूचना के लिए एक प्लेटफ़ॉर्म बनाया गया जहां पर्वों की अनुष्ठानिक पूजा की जा सकती थी।


श्री राम मंदिर: प्रमुख भव्यता


राम मंदिर एक भव्य हिंदू मंदिर है जिसे श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा निर्मित किया जा रहा है। इस मंदिर के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण स्थल हैं जहां विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियां मनाई जाती हैं। यहां कुछ महत्वपूर्ण स्थलों का वर्णन है:

Ram Mandir: धूमधाम से विराजेंगे रामलला


मंदिर क्षेत्र के आवश्यक स्थल


श्री राम कुंड: यह एक पवित्र स्नान स्थल है जहां श्रद्धालु लोग स्नान करते हैं। यहां पूजन के लिए एक यज्ञशाला भी है।


कर्म क्षेत्र: यह स्थान पवित्र रस्मों के लिए है जहां पुजारी और प्रार्थना करते हैं। यह अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है जहां धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।


हनुमान गढ़ी: इसमें एक वीर मारुति की विशाल प्रतिमा है जो हनुमानजी को समर्पित है। यह स्थान भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थान है।


श्री रामलला पूराकालिक दर्शन मंडल: यहां राम जन्मभूमि से जुड़े पुरातात्विक और ऐतिहासिक अवशेषों का प्रदर्शन किया जाता है।


मंदिर क्षेत्र का विकास निर्धारण


राम मंदिर क्षेत्र के विकास के लिए एक विस्तृत योजना बनाई गई है। इसमें विभिन्न सुविधाओं का उल्लेख किया गया है जो दर्शनार्थियों के लिए महत्वपूर्ण हैं। कुछ प्रमुख सुविधाओं का विवरण नीचे दिया गया है:


श्री कम्म कीर्ति: यह स्थान विचार-विमर्श और सार्वजनिक प्रार्थना के लिए है। यहां धार्मिक संगोष्ठियां और विशाल सामूहिक प्रार्थना होती है।


गुरु वशिष्ठ पीठिका: यहां वेद, पुराण, रामायण और संस्कृत के अध्ययन केंद्र है। यहां शोध के लिए एक अध्ययन केंद्र है जहां पुरातात्विक और सांस्कृतिक अवशेष रखे जाते हैं।

Ram Mandir: धूमधाम से विराजेंगे रामलला


रामायण: यह एक सुगम वातायनकेंद्र और सर्वेक्षणिक पाठशाला है जहां मौजूदा किताबें पढ़ी जा सकती हैं। यहां महार्षि वाल्मीकि की आवश्यक समाग्री और अनुसंधान केंद्र है।


समाज में भ्रम की स्थिति


राम मंदिर का निर्माण और उससे संबंधित अन्य विषयों पर भारतीय समाज में कई विवादों और चर्चाओं ने उठाए हैं। कुछ लोग मानते हैं कि चंद होने वाले झगड़ों के कारण दान और नेताओं का धर्मिक अपमान हुआ है। इसके अलावा, मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया में धनराशि का दुरुपयोग, मुख्य गतिविधि संगठन के मामलों में ध्यान प्रमुखता की विपथ और मंदिर को राजनीतिक रूप से उपयोग किया जाना भी कुछ विवादों का कारण बना हैं।


श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र: मुख्य लक्षण


श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र निर्माण के दौरान रखे गए महत्वपूर्ण विशेषताओं के बारे में हम यहां जानेंगे।


भूमि निर्णय और अनुबंध का वर्णन


भूमि निर्णय हेतु एक व्यापक जांच का आयोजन किया गया था। इसके पश्चात् संबंधित व्यक्तियों के साथ सहमति हुई और भूमि का अनुबंध हस्ताक्षरित किया गया।


भूमि का मूल्य मान्यताओं के हिसाब से तय किया गया था। इसके अलावा, सरकार द्वारा लागू किए गए सभी करों और शुल्कों का भुगतान भी किया गया है।


अविश्वास की स्थिति से बचने के लिए, भूमि क्रय से पहले, पुराने अनुबंधों के लिए पूरे किए जाने आवश्यक थे। यह सुनिश्चित किया गया कि आवश्यक रिहाइश पूरी की जाए ताकि भूमि क्षेत्र को प्राप्त किया जा सके।


श्री राम मंदिर का निर्माण प्रक्रिया


राम मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। मंदिर के निर्माण का उद्घाटन 22 जनवरी 2024 को होने की योजना है। वर्तमान में, मंदिर मन्दिर क्षेत्र के निर्माण को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने प्रशासित किया है।


इसे श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा निर्देशित किया गया है। इसका उद्घाटन 22 जनवरी 2024 को होने की योजना बनाई गई है।


संबंधित व्यक्तियों की सहमति


राम मंदिर क्षेत्र को आवश्यकतानुसार विकसित करने के लिए संबंधित व्यक्तियों के साथ अनुबंध किया गया है। भूमि क्रय करने के समय, संबंधित व्यक्तियों के साथ सहमति प्राप्त की गई है। इससे सुनिश्चित किया जा रहा है कि भूमि तीर्थ क्षेत्र निश्चित ही प्राप्त होती है।


श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र: प्रेस वक्तव्य


राम मंदिर के निर्माण के समय प्रेस वक्तव्य यहां जारी किया गया था। इसमें श्री राम जन्मभूमि मंदिर के वास्तु शास्त्र के अनुसार महान संरचना को प्रदान करने की योजना थी।


भूमि निर्णय और अनुबंध का वर्णन


विकास के लिए एक व्यापक निर्धारण योजना तैयार की गई। इस योजना के अनुसार, मंदिर क्षेत्र की सीमा में स्थित महत्वपूर्ण स्थानों का अनुबंध किया गया।


भूमि मूल्य और प्रतिष्ठान का विवरण


आयोध्या के निकट स्थित एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है जिसे 'प्राइम लोकेशन' कहा जाता है। इस क्षेत्र के लिए वर्ष 2011 से आधुनिकीकरण योजना की गई थी और उसके लिए संबंधित व्यक्तियों के साथ संपर्क स्थापित किया गया था। इस क्षेत्र की मूल्य की मांग के साथ तुलना की गई थी और वार्ता में, शेष परिसर को भी खरीदा गया था।


समाज में भ्रम की स्थिति


मंदिर के निर्माण के बावजूद, कुछ लोगों ने अपने अपमान मानकर तीर्थ क्षेत्र को भ्रमित करने के लिए विभिन्न आरोप लगाए हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस मंदिर का निर्माण निष्पक्ष रूप से और सही तरीके से हो रहा है। इसलिए, सभी राम भक्तों से अपील है कि वे ऐसी गलत ख़बरों पर विश्वास न करें और श्री राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण के लिए पूरी तरह समर्पित रहें।

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